एक वर्ष के अंदर पीएचडी धारक करा सकते हैं शोध : कुलपति
जौनपुर(हि.स.)। शिक्षक संघ की मांग पर विचार करते हुये शुक्रवार को शोध समिति के निदेशक डॉ.समर बहादुर सिंह के साथ विश्वविद्यालय में हुई बैठक में कुलपति ने निर्णय पारित किया कि नवनियुक्त शिक्षक जो पीएचडी हैं और उनकी नियुक्ति एक वर्ष के अंदर हुई है, वह भी शोध निर्देशक के लिए अर्ह हैं और वह शोध कार्य करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त जो शिक्षक परिवीक्षा अवधि में है किन्तु पीएचडी नहीं हैं वह पीएचडी करने हेतु अर्ह हो गए हैं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि इस प्रगतिशील निर्णय से न केवल शोध निर्देशकों की संख्या में वृद्धि होगी अपितु शोधकर्ताओं की समस्याओं का भी निराकरण होगा। शोध उपाधि से विहीन शिक्षक भी इससे लाभान्वित होंगे। अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार सिंह ने कुलपति एवं शोध समिति निदेशक को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसे शिक्षक व छात्रहित में लिए गए निर्णयों में इसे मील का पत्थर बताया। महामंत्री डॉ.राहुल सिंह ने इसे प्रगतिगामी और उत्साहजनक निर्णय बताते हुए कहा कि जहां शोधकर्ताओं के लिए शोध निदेशकों का अभाव दूर होगा वहीं नए शिक्षक भी परिवीक्षा अवधि में भी पीएचडी कर सकेंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ.विजय कुमार सिंह ने कुलपति को गांधी जी के 151वीं जयन्ती के अवसर पर, ओस्लो-नार्वे की संस्था, भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा प्राप्त ऑनलाईन महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी औऱ कहा कि गांधी के विचारों और मूल्यों को शैक्षिक समाज में निष्ठापूर्वक क्रियान्वित करने का जो अतुलनीय प्रयास कुलपति द्वारा किया गया है, यह उसी का प्रतिफल है। जिसे ओस्लो की गाँधीवादी संस्था ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान की है।
महामंत्री डॉ.राहुल कुमार सिंह एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की समस्त कार्यकारिणी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.रामजीत सिंह, उपाध्यक्ष डॉ.राजीव त्रिपाठी, संयुक्त मंत्री डॉ.दिनेश कुमार सिंह, पंकज सिंह, डॉ.मनोज सिंह, कार्यालय मंत्री डॉ.नीरज कुमार सिंह, डॉ.आसिफ क़माल एवं डॉ.सरफ़राज़ नवाज ने भी गांधी जयंती पर कुलपति को प्राप्त अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार पर उन्हें बधाई देते हुए इस निर्णय के लिए कुलपति और शोध समिति के निदेशक डॉ.समरबहादुर सिंह को समस्त शिक्षक समुदाय की तरफ से धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया।