एक्सप्रेस वे पर 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाई कार

प्रादेशिक डेस्क

मैनपुरी। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मौत का सफर तय किया जा रहा है। कुछ वाहन चालक एक्सप्रेसवे पर रफ्तार के मानकों को तोड़ रहे हैं। 80 से 100 किमी की एक्सप्रेसवे पर रफ्तार निर्धारित है। लेकिन जुलाई माह में 194 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाए गए। कुछ वाहन ऐसे भी थे जिनकी रफ्तार 160 से 180 किमी प्रति घंटे थी। 120 से 160 की रफ्तार औसतन वाहन चालकों ने भरी। वाहन चालकों के इस शौक पर चालान का चाबुक भी चला है। जुलाई में ही 1038 वाहनों के ओवर स्पीड में चालान काटे गए।
आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर वाहनों से तेज सफर करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। निर्धारित रफ्तार से वाहन चलाने के बजाय लोग दोगुनी रफ्तार से वाहन दौड़ा रहे हैं। 14 जुलाई को किमी 32 से किमी 114 के बीच 82 किमी का सफर एक कार चालक ने 194 किमी प्रति घंटे की स्पीड से तय किया। ये सफर महज 25 मिनट 18 सेकेंड में तय किया गया। वाहन संख्या (एमपी 16सी 7778) ने ये रफ्तार भरी। ओवर स्पीड की चेकिंग कर रहे वरिष्ठ उप संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश कर्दम ने एक्सप्रेसवे पर इस वाहन का चालान काटा। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सिर्फ कार सवार ही नहीं ट्रैवलिंग बसें, लंबी दूरी की बसें भी रफ्तार भर रही हैं। जुलाई माह के 29 दिनों में रफ्तार के शौकीनों पर लगाम लगाने के लिए लगभग हर रोज चालान काटे गए। इन 29 दिनों में एआरटीओ ने 1038 वाहनों के चालान किए। इन वाहनों में 100 से अधिक वाहन ऐसे थे जिनकी स्पीड 150 से अधिक थी। 400 वाहन ऐसे थे जिनकी स्पीड 130 से 140 के बीच रही। वहीं 300 वाहन ऐसे थे जो 160 से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से निकले। लगभग 200 वाहनों की रफ्तार 120 से 140 के बीच रही। इन सभी के चालान काटे गए।
खास बात ये है कि एक्सप्रेसवे पर दिन की तुलना में रात में रफ्तार भरी जा रही है। रात 11 बजे से रात 3 बजे के बीच वाहन अधिक तेज गति से चलाए जा रहे हैं। एआरटीओ का कहना है कि रात के समय वाहन चालकों को लगता है कि उन्हें कोई देख नहीं रहा। रात में वाहन कम चलते हैं इसलिए भी इन्हें रफ्तार भरने का मौका मिल जाता है। लेकिन एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट चेक करने के लिए आगरा से लखनऊ के बीच 6 कैमरे लगे हुए हैं, जो स्पीड चेक कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस और परिवहन विभाग भी चेकिंग कर रहा है। वरिष्ठ उप संभागीय परिवहन अधिकारी राजेश कर्दम ने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए चालान तेज किए गए हैं। दो हजार से ढाई हजार का चालान पहली बार में लग रहा है। जुलाई में 194 की स्पीड से गुजरी एक कार का चालान भी कटा जो सर्वाधिक स्पीड है।

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