ऊर्जा मंत्री स्वयं बकाया वसूली करके जनता का ध्यान बंटाने का कर रहे नाटक: अखिलेश

उपचुनाव के कारण चुप्पी साधी, अब दीवाली के बाद महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी

लखनऊ (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को तबाह करने की साजिशें शुरू हैं। जनता को महंगी बिजली देने का मन बनाए ऊर्जा मंत्री अब चलाचली की बेला में साइकिल की सवारी करके और खुद ही बकाया वसूली करके जनता का ध्यान बंटाने का नाटक कर रहे हैं।
अखिलेश ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि जनता से धोखाधड़ी में पारंगत भाजपा सरकार उपचुनावों के मद्देनजर चुप्पी साधे रही अब दीवाली बाद महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी है। भाजपा सरकार 80 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं पर और बोझ डालेगी जबकि ज्यादा बिजली खपत करने वालों पर राहत बरसेगी। इससे पहले भी बिजली दरों में वृद्धि की जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू तथा किसानों के नलकूप की बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 10 करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ता है। भाजपा सरकार ने विद्युत के क्षेत्र में गहरी उदासीनता और अक्षमता का परिचय दिया है। भाजपा सरकार में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। अघोषित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति मांग 4-6 घंटा ही हो रही है। समाजवादी सरकार ने विद्युत क्षेत्र में जो सुधार किए थे उन्हें निष्प्रभावी बनाया जा रहा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार का सबसे बड़ा घोटाला मीटर खरीद को लेकर है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में करीब 2000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक मीटर, 500 करोड़ रुपये के करीब 12 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे गए हैं। बिना किसी जांच ग्रामीण क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत गरीबों के घर में बिजली मीटर लगते हैं। पावर टेक कम्पनी से खरीदे गए मीटरों में तकनीकी खामियां और बड़े पैमाने पर लोड जम्पिंग की शिकायते सामने आई है। 
उन्होंने कहा कि इन मीटरों को लगाते समय मीटर की संचार प्रणाली का टेस्ट नहीं किया गया। नई परियोजना या साफ्टवेयर जब किसी नई योजना के लिए लागू होता है तो पहले यूजर एक्सेंप्टेस टेस्ट (यूएटी) कई चरणों में होता है, इसे भी नहीं किया गया। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने तो घोटाले में घोटाला का अभूतपूर्व काम किया है। उसने ऐसे मीटर लिए जो बिना लगे ही मीटर रीडिंग कर देते है। घरों में बिना मीटर लगाए ही ऑनलाइन सिस्टम में मीटर फीड के मामले चौंकाने वाले हैं। इसकी वजह से उपभोक्ताओं के घरों में गलत बिल आने लगे। 

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