उप्र विधानसभा: तीन दिन में चार घंटे पांच मिनट चली सदन की कार्यवाही

-मुख्यमंत्री के संबोधन के साथ अनिश्चित काल के लिए स्थगित हुई विधानसभा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 20 से 22 अगस्त तीन दिन तक चला। इस दौरान चार घंटा पांच मिनट तक सदन की कार्यवाही चली, जबकि विपक्ष के हंगामे के चलते 25 मिनट तक सदन बाधित रहा। इस तरह सदन की कुल समयावधि साढ़े चार घंटे रही।
इस अल्पकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे के बावजूद प्रदेश की योगी सरकार ने सदन से 27 विधेयक पारित कराए। कोरोना संक्रमण के बावजूद विधानमंडल के मानसून सत्र की कार्यवाही का आयोजन कराने वाला उप्र शायद देश का पहला राज्य होने का रिकॉर्ड बनाया। 
हालांकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कोरोना काल में विधानसभा के सत्र चले लेकिन, ये दोनों सदन मात्र विश्वास मत हासिल करने के लिए आयोजित हुए थे। वहीं उप्र में इसे विधायी कार्यों के लिए आहूत किया गया। आज छुट्टी के दिन शनिवार को भी सदन की कार्यवाही चली और आज ही के दिन सभी 27 विधेयक पारित हुए।
अनिश्चित काल के लिए स्थगित हुई विधानसभा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के साथ सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने आज करीब एक घंटा सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। वहीं भाजपा विधायकों की उन्होंने सराहना भी की। कहा कि कोरोना संकट में भाजपा विधायकों ने जरुरतमंदों की खूब मदद की, जबकि विपक्ष के लोगों ने इस संकट काल में भी घिनौनी राजनीति की। 
योगी ने विधायकों से अनुरोध भी किया कि वे अपने क्षेत्र के उन गांवों का नाम भेजें जहां अभी तक विद्युतीकरण के कार्य नहीं हो सके हैं। मुख्यमंत्री ने गांवों में ग्राम सचिवालय और सामुदायिक शौचालय बनवाने के लिए भी विधायकों को प्रेरित किया। योगी ने कहा कि ग्राम सचिवालय से लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। सत्र के सफल संचालन के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को धन्यवाद भी दिया। 
विपक्ष ने किया हंगामा व बहिर्गमन 
इससे पहले पूर्व विधानसभा की कार्यवाही आज पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरु हुई, विपक्ष के सदस्य कोरोना संक्रमण और कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करने लगे। वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के विधायक शोर मचाते वेल में भी आ गये। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने यद्यपि हंगामा कर रहे विधायकों को समझाया और उन्हें कोरोना के चलते शारीरिक दूरी के प्रोटोकाल का याद भी दिलाया लेकिन विपक्ष के सदस्य नहीं माने। ऐसे में अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया। बाद में उसे आधे घंटे के लिए बढ़ा दिया।  
कार्यवाही जब दोबारा प्रारम्भ हुई तो विपक्ष फिर हंगामा करने लगा। फिर अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने एक-एक कर के कुल 27 विधेयक प्रस्तुत किये। विपक्षी विधायकों ने इस दौरान सदन का बहिर्गमन भी किया। लेकिन हंगामों के बीच सरकार सभी 27 विधेयक पारित कराने में सफल रही। 

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