उप्र विधानसभा उपचुनाव: थम गया प्रचार, सात सीटों पर तीन को है मतदान

-सोमवार को मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में रविवार की शाम छह बजे चुनाव प्रचार थम गया। अब तीन नवम्बर को मतदान है। इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ पोलिंग पार्टियां सोमवार को सभी मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी।
उप चुनाव के लिए प्रचार रुकने के साथ ही रविवार शाम से ही प्रदेश की इन सात सीटों से जुड़े जिलों में शराब, बीयर व भांग की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। अब तीन नवम्बर को मतदान समाप्त होने के बाद ये दुकानें खुलेंगी। 
कोरोना संक्रमण के चलते निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान के लिए नयी गाईडलाइन जारी की हैं। इस नयी गाइडलाइन के अनुसार मतदान तीन नवम्बर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। हर पोलिंग बूथ पर अधिकतम एक हजार मतदाता ही मतदान कर सकेंगे। इसी के कारण सभी मतदान केंद्रों पर सहायक पोलिंग बूथ भी बनाये गये हैं। पोलिंग बूथ पर कोरोना संक्रमण से बचाव के साधन भी उपलब्ध रहेंगे। मतदाताओं को हैण्ड ग्लव्स उपलब्ध कराया जाएगा। उसे पहनकर ही मतदाता इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बटन दबाकर अपना मतदान कर सकेंगे। 
राज्य सरकार ने विधानसभा उपचुनाव से संबंधित सातों जिलों में मतदान वाले दिन तीन नवम्बर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अंतिम दिन सभी उम्मीदवारों ने झोंकी पूरी ताकत
उप चुनाव के लिए आज प्रचार के अंतिम दिन सभी उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। सात सीटों के लिये हो रहे उप चुनाव के प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सभी सीटों पर संयुक्त रूप से चुनावी सभा की। इसके अलावा प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा ने भी सभी सात सीटों के लिये प्रचार किया। वर्ष 2017 के चुनाव में इन सात सीटों में से छह पर भाजपा का कब्जा था, जबकि जौनपुर की मल्हनी सीट सपा के खाते में गयी थी। उप चुनाव में भी अधिकतर सीटों पर भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है। इस उप चुनाव को वर्ष 2022 में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिये बेहद अहम माना जा रहा है। 
प्रचार समाप्त होने के बाद उप चुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में बाहर से आये हुए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को वहां से प्रस्थान करने का निर्देश है। तीन नवम्बर को शांतिपूर्वक मतदान कराने के उद्देश्य से सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों के जिलों की सीमाओं पर आज से ही चैकसी बढ़ा दी गयी है।  इन सीटों पर है उपचुनाव 
1- घाटमपुर-कानपुर की घाटमपुर सीट से 2017 में योगी सरकार की मंत्री कमलरानी वरूण निर्वाचित हुई थीं। उनके निधन से यह सीट खाली हुई है। उपचुनाव में इस सीट के लिए कुल छह उम्मीदवार मैंदान में हैं। 2- नौंगाव सादात-अमरोहा जिले की नौंगाव सादात सीट से 2017 के चुनाव में चेतन चैहान भाजपा से विधायक चुने गये थे। वह भी योगी सरकार में मंत्री थे। कोरोना से उनका निधन हो गया। ऐसे में यह सीट इस समय रिक्त है। इस सीट से 14 उम्मीदवार चुनाव मैंदान में हैं। 3- मल्हनी -जौनपुर जिले की इस सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के पारसनाथ यादव जीते थे। उनके निधन के कारण यह  सीट खाली हुई है। यहां से 16 उम्मीदवार अपने-अपने भाग्य आजमा रहे हैं।4- बांगरमऊ-उन्नाव जिले की इस सीट से चुनाव जीते कुलदीप सिंह सेंगर रेप कांड में दोषी साबित हुए हैं। ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म हो जाने से यह सीट खाली हुई है। इस सीट से कुल दस उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।  5- देवरिया-भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण यह  सीट खाली हुई है। देवरिया सीट के लिए 14 उम्मीदवार उपचुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। 6- टूण्डला-फिरोजाबाद जिले की टूण्डला सीट से निर्वाचित विधायक एसपी सिंह बघेल बाद में भाजपा से सांसद बन गये। इसके बाद से यह  सीट खाली हो गई है। इस सीट से दस उम्मीदवार मैंदान में हैं। 7- बुलंदशहर-इस सीट से भाजपा के वीरेन्द्र सिंह सिरोही विधायक चुने गये थे। उनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई है। बुलंदशहर सीट के लिए सर्वाधिक 18 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 


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