उप्र में बात-बात पर रासुका लगाने के बाद भी थम नहीं रहा अपराध, बसपा नेता जाएंगे मौके पर : मायावती
-बड़े आपराधिक मामलों को लेकर विभिन्न वर्गों के नेताओं को दी जिम्मेदारी
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के बदहाल होने का आरोप लगाते हुए योगी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां आए दिन हर प्रकार के अपराध देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान में भाजपा के शासन से लोग दुखी हो गए हैं। अब सपा-भाजपा के शासन में कोई अंतर नहीं रह गया है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब सूबे 75 जिलों में कोई बड़ी या छोटी आपराधिक वारदात न घटित होती हो। ऐसे में बसपा पीड़ितों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने इसको लेकर सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाते हुए अलग-अलग नेताओं को अधिकृत किया।
मायावती ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी काल में भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तो लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माने जाने वाले मीडिया जगत के लोग भी यहां आए दिन हत्या व जुर्म के शिकार हो रहे हैं। आजमगढ़ मंडल में हुई पत्रकार की हत्या इसका ताजा उदाहरण है। उत्तर प्रदेश में सरकार की बदहाली का हाल ये है कि बात-बात पर रासुका, देशद्रोह व अन्य अति संगीन धाराओं के इस्तेमाल के बावजूद भी यहां अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कानून का डर नहीं बचा है। आम जनता त्रस्त है कि सरकार कार्यशैली में सुधार करे तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को अब हमारे चार बार के कार्यकाल के समय की कानून-व्यवस्था याद आने लगी है। गरीब, मजदूर तथा कमजोर वर्ग के लोग काफी परेशान हैं।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में आपराधिक वारदातें हो रही हैं, उस स्थिति में उनका हर जगह पहुंच पाना मुमकिन नहीं है। इसलिए अब उत्तर प्रदेश में अति गम्भीर व अति संवदेनशील घटना पर बसपा का प्रतिनिधित्व मंडल पीड़ित परिवार से घटनास्थल पर जाकर मुलाकात करेगा। छोटी घटना पर फोन पर पीड़ित से बात की जायेगी। वहीं अति गम्भीर व अति संवदेनशील मामलों को छोड़कर अन्य मामलो में टेलिफोन के जरिए पुलिस प्रशासन से बात करके न्याय की कोशिश की जाएगी।
मायावती ने कहा कि ये विशेष व्यवस्था बसपा को मजबूरी में उत्तर प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था के कारण करनी पड़ रही है। है। इसके लिए, प्रत्येक समाज के वरिष्ठ लोगों को अधिकृत किया जाएगा। दलितों के लिए दयाचरण दिनकर, पिछड़ों के लिए लाल जी वर्मा, ब्राह्मणों व अन्य सर्वणों के लिए सतीश चंद्र मिश्रा, मुस्लिम वर्ग के लिए शमशुद्दीन राईन व मुनकाद अली को अधिकृत किया गया है।
जब ये लोग घटना स्थल पर जाएंगे तो वहां बसपा के स्थानीय स्तर पर सेक्टर मुख्य प्रभारियों को लेकर जाना होगा। जिलाध्यक्ष भी साथ में मौजूद रहेंगे। मायावती ने कहा कि बसपा ने ये जो थोड़ी व्यवस्था की है, उम्मीद है इससे लोगों को कुछ राहत मिलेगी।
उनको कहा इस बात के सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अधिकृत किए लोग घटना स्थल पर धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। कर्फ्यू के दौरान मौके पर नहीं जाएंगे। पीड़ित परिवार से मिलेंगे सही तथ्यों की जानकारी लेंगे और मीडिया को भी इससे अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि न्याय नहीं मिलने पर विधामनंडल सत्र के दौरान दोनों सदनों में मामलों को उठाया जाएगा। वहीं इसके बाद भी कदम नहीं उठाये जाने पर अपनी सरकार में आने पर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।