उप्र: फोकस टेस्टिंग में रिक्शा-तिपहिया वाहन चालकों में मात्र 0.74 प्रतिशत मिले संक्रमित

-करवा चौथ के दौरान हुई जांच में 0.78 प्रतिशत लोगों में मिला संक्रमण-फोकस सर्विलांस-टेस्टिंग से राज्य में नियंत्रण में पाया गया कोरोना संक्रमण 
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का स्तर जानने के उद्देश्य से विभिन्न समूहों की ‘फोकस सर्विलांस’ के नतीजों से सरकार को राहत मिली। इसमें संक्रमण नियंत्रित पाया गया और बेहद कम प्रतिशत में लोग पॉजिटिव मिले हैं।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को बताया कि त्योहारों के समय की गई फोकस टेस्टिंग के परिणाम अब सामने आ गए हैं। इसमें सामने आया है कि जो लोग व्यापक स्तर पर संक्रमण फैला सकते थे, उन्हें समय से आइसोलेट करने में सफलता मिली है। इसका नतीजा यह हुआ है कि संक्रमण का जो विस्तार था, वह अपने प्रदेश में नियंत्रित रहा। 
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के मुताबिक रिक्शा, तिपहिया वाहन चालकों के 55,741 नमूनों में से केवल 413 पॉजिटिव पाए गए अर्थात 0.74 प्रतिशत लोग ही संक्रमित मिले।  इसी प्रकार करवा चौथ के पहले मेहंदी लगाने वाले, ब्यूटी पार्लर वालों की फोकस सैम्पलिंग में 53,916 नमूने लिए गए, जिसमें 422 लोग पॉजिटिव मिले, जो मात्र 0.78 प्रतिशत है।  
इसके अलावा मिठाई की दुकानों में जाकर 1,19,145 लोगों के नमूनों में से 2,172 लोग संक्रमित पाए गए। विभिन्न रेस्टोरेंट में जो 60,702 लोगों के नमूने लिए गए, जिनमें से 416 लोग संक्रमित पाए गए, जो 0.69 प्रतिशत है। इसी प्रकार धर्म स्थलों में जाकर भी सैम्पलिंग की गई थी और वहां 1,14976 नमूनों में से 2,438 लोग संक्रमित पाए गए। वहीं विभिन्न शॉपिंग मॉल के स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों के 1,16,054 नमूनों में से 1,025 में संक्रमण की पुष्टि हुई। 
इसके अलावा कुछ अन्य समूहों के भी कोरोना नमूने लेकर जांच की गई, इनके नतीजे सोमवार को बताए जाएंगे। उन्होंने कहा इस समय जो फोकस टेस्टिंग का अभियान चल रहा है उसके अंतर्गत रविवार और सोमवार को साप्ताहिक बाजार, गांव में हॉट आदि लगती है, उन बाजारों में जाकर जांच नमूने लिए जा रहे हैं। इससे जहां संक्रमण के स्तर का पता चलता है, वहीं लोगों में जागरूकता का भी विस्तार होता है। फोकस टेस्टिंग के दौरान जब स्वास्थ्य महकमे की टीम लोगों के बीच जाती है, तो उनके साथ रहने और सम्पर्क में आने वाले लोगों को भी यह समझ में आता है कि अभी भी संक्रमण समाप्त नहीं हुआ है, संक्रमण चल रहा है। इसलिए अभी भी उतनी ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 30 नवम्बर तक फोकस टेस्टिंग का अभियान चल रहा है। 
इसके बाद 01 से 07 दिसम्बर तक नया अभियान चलाया जाएगा। इसमें जनपदों को यह निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि  बीते 15 दिनों में उनके वहां संक्रमण के जो मामले आए हैं, उनकी अपनी जिले के नक्शे पर मैपिंग करे। ताकि यह पता चले कि शहर के किस इलाके से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और क्लस्टर बन रहा है।
इसके बाद उन इलाकों में जहां ज्यादा मामले आए हैं, वहां पर फोकस सर्विलांस के जरिए अधिक से अधिक सैम्पल लेकर उनकी जांच करवाई जाएगी। इन नमूनों की अधिकांश आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी, ताकि संक्रमण को जितनी जल्दी हो सके खोजा जा सके और संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करके संक्रमण की श्रंखला को तोड़ा जा सके।
उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर आई हुई है। हमारे देश के भी कई राज्यों में इस तरह की स्थिति देखने को मिली है, जहां पर बहुत ज्यादा मामले फिर से आ रहे हैं। पड़ोसी प्रांत दिल्ली में भी यही स्थिति है। इसके मद्देनजर यह सारे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि प्रदेश में संक्रमण नियंत्रण में रहे। 

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