ईद की तरह बकरीद में भी घर पर नमाज अदा कर मनाये त्योहार : शहर काजी


– शारीरिक दूरी का हो पालन, मॉस्क के साथ साफ सफाई का रहे विशेष ख्याल

– प्रतिबंधित जानवरों की न करें कुर्बानी, खुले में भी न हो कुर्बानी

कानपुर। कोरोना वैश्विक महामारी है और इस महामारी के बीच शासन की गाइड लाइन के मुताबिक ईद का त्योहार मनाया है। अब ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार एक अगस्त को है। ऐसे में शासन की गाइड लाइन का पालन कर हमें इस त्योहार को मनाना है। त्योहार में घर पर ही नमाज अदा करें और शारीरिक दूरी का पालन करें। इसके साथ ही कुर्बानी खुले न की जाए और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी कतई न की जाये। वहीं साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाये। यह बातें बुधवार को शहर काजी आलम रजा नूरी ने प्रेस वार्ता कर कही। 
शहर काजी ने बुधवार को प्रेस वार्ता करके ईद उल अजहा (बकरीद) के संबंध में अहम जानकारी दी। बताया कि इस्लाम धर्म का अजीम त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद 1 अगस्त को है। इस अजीम त्यौहार में आलम ए इस्लाम में मुसलमान जानवरों की कुर्बानियां करके अपने रब को राजी करते हैं। इस साल दुनिया भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है, जिसका असर हमारे मुल्क हिंदुस्तान में भी देखा जा सकता है, लेकिन हमारी सरकार ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कुर्बानी करने की इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि पिछले दिनों मैंने बकरीद के संबंध में गाइडलाइन जारी की थी जिसके बाद सरकार की तरफ से भी गाइडलाइन जारी हुई है जो मेरे द्वारा जारी की गई गाइडलाइन से मिलती जुलती है। हमने शासन से ईदगाह में नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी, लेकिन ईदगाह में नमाज की इजाजत नहीं मिली। कुर्बानी की इजाजत मिली है। आगे कहा कि जिस तरह ईद में आप लोगों ने नमाज अदा की थी उसी तरह नमाज अदा करें। पिछले सालों की तरह इस साल भी कुर्बानी करें, बड़े जानवर की कुर्बानी हो या छोटे जानवर की कुर्बानी किसी पर रोक नहीं है लेकिन प्रतिबंधित जानवरों पर कुर्बानी नहीं होगी इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सार्वजनिक जगह पर कुर्बानी न की जाए इसका सख्ती से पालन किया जाए। कुर्बानी बंद जगह पर हो तो बेहतर होगा। अपने घरों पर या मोहल्ले में कारखाने फैक्ट्रियां हाल वगैरा में की जाए या मदरसों में हो। 
कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन ना हो जहां पर कुर्बानी की जा रही हो वहां भीड़ ना लगाई जाए मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कुर्बानी करें। कुर्बानी के बाद जानवर की न इस्तेमाल करने वाली चीजों को इधर उधर ना फेंके, बल्कि उसे किसी चीज में पैक करके नगर निगम द्वारा इलाकों में चिन्हित डस्टबिन में रख आए। कुर्बानी के गोश्त बांटने के लिए भीड़ न लगे गोश्त को पैक करके लोगों तक पहुंचा दें, जिन लोगों ने जानवरों पर हिस्सा लिया हो उनको फोन के जरिए इत्तला कर दे अगर गोश्त लेना चाहते हो तो एक एक को बुलाकर या उन तक पहुंचा दिया जाए। कुर्बानी के जानवर खरीद के लाने वाले लोग खासकर इस बात का ध्यान रखें कि जानवर को हाक कर ना लाएं बल्कि लोडर पर ई रिक्शा या सवारी पर रख कर लाएं। सफाई का विशेष ध्यान रखें अपने घरों को अपने मोहल्ले को अपने इलाकों को अच्छी तरह से साफ सुथरा कर ले, खासकर इलाके के जो जिम्मेदार लोग हैं वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए नगर निगम से सहयोग लेकर सफाई अभियान चलाएं।

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