इतिहास के पन्नों मेंः 17 अगस्त
हिंदी साहित्य के अमृतः सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को आगरा के गोकुलपुरा में हुआ। उनके पिता लखनऊ आकर बस गए। जिसके बाद अमृतलाल नागर ताउम्र लखनऊ ही रहे। साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में 1981 में उन्हें पद्मभूषण सम्मान दिया गया।
साहित्य, इतिहास, पुराण और पुरातत्व के अध्येता अमृतलाल नागर हिंदी के साथ-साथ गुजराती, मराठी, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा पर भी समान अधिकार रखते थे। उन्होंने शुरू में नौकरी की लेकिन बाद में स्वतंत्र लेखन और फिल्म लेखन में काम किया। आकाशवाणी लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर भी रहे।
सहज भाषा प्रवाह के लिए पाठकों के बीच पसंद किए जाने वाले अमृतलाल नागर की कृतियों में मुहावरों, लोकोक्तियों और देसज शब्दों का बेजोड़ इस्तेमाल है। उनके प्रमुख उपन्यासों में महाकाल, बूंद और समुद्र, शतरंज के मोहरे, सुहाग के नुपुर, अमृत और विष, मानस के हंस, नाच्यौ बहुत गोपाल, खंजन नयन आदि शामिल हैं। उन्होंने नाटक, व्यंग्य और कविताएं भी लिखीं।
अन्य अहम घटनाएंः
1909ः महान भारतीय क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा को ब्रिटिश अधिकारी वायली और एक अन्य की हत्या के मामले में लंदन की पेंटविले जेल में फांसी दी गयी।
1941ः पूर्वी जर्मनी सरकार ने बर्लिन की दीवार का काम पूरा किया।
1947ः भारत की आजादी के बाद पहली ब्रिटिश सैन्य टुकड़ी स्वदेश रवाना।
1982ः जर्मनी में पहली सीडी (कंपेक्ट डिस्क) लोगों के लिए उपलब्ध करायी गयी।
1988ः पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक और अमेरिकी राजदूत अर्नाल्ड राफेल की विमान दुर्घटना में मौत।
1998ः तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाउस की पूर्व कर्मचारी मोनिका लेवेंस्की से अनुचित संबंधों की बात स्वीकारी।
2005ः पूरा बांग्लादेश बम धमाकों से दहला। 63 जिलों में लगभग 400 धमाके।