आपदा को भी अवसर में बदल रहे ‘पीपी आईयूसीडी चैम्पियन’ डॉक्टर और स्टाफ नर्स
सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को जागरूक कर रहे चैम्पियन
15 दिनों में जिले की 262 महिलाओं ने लगवायी पीपी आईयूसीडी
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। संस्थागत प्रसव के प्रति बढ़ रही जागरुकता के कारण इस आपदा के समय में भी सरकारी अस्पतालों में प्रसव हो रहे हैं। ऐसे में अब स्वास्थ्य महकमे ने एक और नई पहल शुरू की है। इसके तहत परिवार नियोजन के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरुक कर उन्हें परिवार नियोजन का कोई न कोई संसाधन मुहैया कराया जा रहा है। इस हेतु प्रसव के तुरन्त बाद दिए जाने वाले गर्भ निरोधक साधन ‘पीपीआईसीयूडी’ पर सरकरी अस्पतालों में इस समय विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस रणनीति का उद्देश्य प्रसव करा रहे डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों को प्रेरित करना है, जिन्हें प्रसव कराने हेतु आने वाली महिलाओं व उनके परिवारों के लोगों को परिवार नियोजन के लाभ बताना है और प्रसव के पश्चात कोई न कोई विधि देकर ही स्वास्थ्य केंद्र से घर भेजना है। इसके लिए सभी प्रसव कराने वाले जिम्मेदार लोगों से फोन द्वारा संपर्क स्थापित करना और उनको प्रेरित भी करना है।
एसीएमओ आरसीएच डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि अपना ध्यान रखने के साथ ही यदि प्रसूताओं को परिवार नियोजन के लाभ के बारे में बताया जाता है, तो यह भी एक प्रकार की देश सेवा ही होगी। इसी क्रम में यह निर्णय लिया गया है कि जो भी डॉक्टर या स्टाफ नर्स सबसे ज्यादा महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के लिए प्रेरित करेगा, उसे उस माह पीपीआईयूसीडी चैम्पियन घोषित किया जाएगा। इसका उद्देश्य एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा स्थापित करना है, जिससे स्टाफ स्वयं भी प्रेरित हो और लोगों को परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित कर पाएं। आंकड़ों पर गौर करें, तो यह मुहिम रंग लाई और अच्छे परिणाम मिले हैं। जिले में पीपीआईयूसीडी चैम्पियनशिप की शुरुआत गत माह 19 अगस्त से किया गया। 19 अगस्त से दो सितंबर तक पंद्रह दिनों में जिला महिला अस्पताल समेत समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीपीआईयूसीडी चैम्पियन के द्वारा कुल 262 महिलाओं को पीपीआईयूसीडी की सेवा प्रदान की गई। 15 दिनों के इस चैम्पियनशिप में पहला स्थान जिला महिला अस्पताल, दूसरा स्थान सीएचसी कर्नलगंज तथा तीसरा स्थान सीएचसी मनकापुर को मिला। बता दें कि पीपीआईयूसीडी की सेवा प्रदायगी हेतु सरकारी अस्पतालों में तैनात 11 चिकित्सकों एवं 81 स्टाफ-नर्सों को प्रशिक्षित किया गया है।
फैमिली प्लानिंग लाजिस्टिक मैनेजर सलाहुद्दीन लारी ने कहा कि पीपीआईयूसीडी चैम्पियंस के इस सराहनीय कार्य से इस आपदा के समय में भी पूरा परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति मिली है और मां-बच्चे की जान बचाने का संकल्प भी पूर्ण किया जा रहा है। महिलाओं की काउंसलिंग सही तरीके से की जा रही है। महिलाएं परिवार नियोजन के लाभ को समझ रही हैं। पीपीआईयूसीडी लगवाने का एक लाभ यह भी है कि इससे बच्चों के बीच अंतर भी बढ़ेगा, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर को कम करने में सहायता मिलेगी।