आईपीएल 2020 की प्रायोजक नहीं रही चीनी कंपनी वीवो, करार सस्पेंड
खेल डेस्क
नई दिल्ली. लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव का असर आईपीएल 2020 पर भी पड़ा है. बीसीसीआई और चीनी कंपनी ने साल 2020 के लिए अपना करार सस्पेंड कर दिया है. मतलब आईपीएल 2020 के लिए वीवो आईपीएल की मुख्य प्रायोजक नहीं होगी. खबरों के मुताबिक बीसीसीआई और चीनी कंपनी वीवो ने आपसी सहमति से इस करार को एक साल के लिए सस्पेंड किया है. बता दें बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते थे जिसके साथ उसका करार 2022 में खत्म होने वाला था.
दबाव में करार हुआ सस्पेंड!
बीसीसीआई चीनी कंपनी वीवो के साथ करार सस्पेंड करने के मूड में नहीं थी. जून में उसके कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि बीसीसीआई का वीवो के साथ करार तोड़ने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने दलील दी थी कि चीनी कंपनी से आ रहे पैसे की वजह से हिंदुस्तान को ही फायदा हो रहा है ना कि चीन को. बीते रविवार हुई आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भी वीवो को आईपीएल का मुख्य प्रायोजक बरकरार रखा गया था. हालांकि इसके बाद स्वदेशी जागरण मंच और व्यापारी संघ ने बीसीसीआई के इस फैसले का विरोध किया और इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को भी खत लिखा. बता दें आईपीएल और वीवो के बीच करार सस्पेंड होने से दुनिया की सबसे महंगी लीग और उसकी टीमों को करारा झटका लगा है. साल 2017 में वीवो ने अगले पांच सीजन के लिए 2199 करोड़ रुपये में बीसीसीआई से करार किया था. 2012-17 के करार के मुकाबले ये 454 फीसदी ज्यादा था. वीवो से करार के तहत बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन अब ये रकम बीसीसीआई को नहीं मिल पाएगी.
बीसीसीआई ने एक पंक्ति का बयान भेजा जिसमें कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी और इसमें कहा गया कि विवो इस साल आईपीएल के साथ जुड़ा नहीं होगा. प्रेस रिलीज के अनुसार, ’बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग के लिये अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया है.’ वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिये 2190 करोड़ रूपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रूपये) में आईपीएल प्रायोजन अधिकार हासिल किये थे. बीसीसीआई के अपने संविधान के अनुसार नये टाइटल प्रायोजक के लिये निविदा प्रक्रिया शुरू करने की संभावना है. आईपीएल 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगा जिसे भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण विदेश में आयोजित कराना पड़ रहा है.