अयोध्या में जल्द उतरेेंगे बड़े यात्री विमान, हवाई अड्डे की निर्माण प्रक्रिया हुई तेज

-263.47 एकड़ भूमि क्रय करने के लिए 525.91 करोड़ रुपये जारी

-राज्य सरकार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को उपलब्ध कराएगी 600 एकड़ भूमि-देश

-विदेश के श्रद्धालु सीधे आकर कर सकेंगे रामलला के दर्श

न-आध्यात्मिक पर्यटन के जरिये बढ़ेगी विकास और रोजगार की रफ्तार


लखनऊ। अयोध्याधाम में जल्द ही बड़े आकार के यात्री विमान उतरने लगेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयास से रामनगरी में हवाई अड्डे के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। सरकार ने इसके लिए 263.47 एकड़ जमीन खरीदने हेतु 525.91 करोड़ रुपये भी अवमुक्त कर दिए हैं। 
योगी सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां कहा कि अयोध्याधाम में आध्यात्मिक पर्यटन के जरिये विकास और रोजगार की रफ्तार तेज होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की गौरवशाली आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन नगरी अयोध्या के साथ ही इससे आस-पास के पर्यटन स्थलों के विकास को भी पंख लगेंगे। साथ ही अयोध्या में देश-विदेश के करोड़ों लोगों की सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित होगी।

प्रवक्ता ने बताया कि दीपोत्सव 2018 के आयोजन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में प्रस्तावित एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा रखने की घोषणा कर दी थी। नवंबर 2019 में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में बताया था कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या हवाई अड्डे से जुड़ा प्रस्ताव मिला है। यह हवाई पट्टी एनएच-27 और एनच-330 के बीच सुल्तानपुर नाका के पास है। इसी हवाई पट्टी को आधुनिक एयरपोर्ट का रूप दिया जा रहा है।
नागरिक उड्डयन विभाग के मुताबिक अयोध्या स्थित हवाई पट्टी को अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का आकार देने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा हैं। इस हवाई पट्टी को बडे़ विमानो के लिए तैयार किया जा रहा है। प्रथम चरण में यहां ए321 और द्वितीय चरण में कोड-ई बी777.300 श्रेणी के विमानों का संचालन प्रारम्भ किया जाएगा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पूर्व में ही प्री-फिजिबिलटी स्टडी पूरी कर ली है। इसके अनुसार राज्य सरकार अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए लगभग 600 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को उपलब्ध कराएगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार ने फरवरी 2014 में अयोध्या स्थित राजकीय हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए भारतीय वितानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित किया था और एमओयू के अनुसार भविष्य में होने वाले विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराया जाना था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अयोध्या धाम में हवाई अड्डा निर्माण के लिए वर्ष 2017 में टेक्नो-इकोनोंमिक फिजिबिलिटी का अध्ययन किया। 
प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अयोध्या स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने एवं अन्य आवश्यक निर्माण कार्यों सहित 12 फरवरी 2019 को भूमि क्रय करने के लिए 525 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एअरपोर्ट के पूर्व के मास्टर प्लान के अनुसार राज्य सरकार ने 263.47 एकड़ भूमि क्रय करने के लिए 525.91 करोड रुपये की धनरााशि अवमुक्त की जिससे ग्राम जनौरा, गंजा व धर्मपुर सहादत में 310.10  करोड़ रुपये से लगभग 138.62 एकड़ भूमि खरीदी जा चुकी है। इसमें 33.27 एकड़ शासकीय भूमि है। 
प्रवक्ता ने बताया कि मंदिर निर्माण के साथ ही भविष्य में यात्री संख्या में वृद्वि को ध्यान में रखते हुए 5 अप्रैल 2020 को पुनः प्री-फिजिबिलिटी स्टडी रिर्पोट तैयार करवाई गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक आगामी 50 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हुए प्रथम चरण में ए-321 प्रकार के विमानों के लिए रनवे आयाम 3125 गुणे 45 मीटर तथा 463.45 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। 
वहीं द्वितीय चरण में बी-777.300 प्रकार के विमानों के लिए रनवे आयाम 3750 गुणे 45 मीटर तथा 122.87 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। हवाई अड्डे के निर्माण के परिचालन एवं सुरक्षाकर्मियों की आवासीय आवश्यकताओं के लिए 15 एकड़ भूमि चाहिए। पूर्व में उपलब्ध 213.62 एकड़ भूमि व वर्तमान में अधिग्रहण प्रक्रियाधीन 274.85 एकड़ के अतिरिक्त 326.12 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने नये मास्टर प्लान के अनुसार पांच अगस्त को शिलान्यास से पूर्व ही 600 एकड भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
बजट में 500 करोड़ की व्यवस्था
अयोध्या में आधुनिक सुविधाओं से युक्त हवाई अड्डा बनाने के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे पहले भी सरकार ने पिछले साल के बजट में भी अयोध्या हवाई अड्डे के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। 
आध्यात्मिक पर्यटन के जरिये बढ़ेगी विकास और रोजगार की रफ्तार

राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि अयोध्या एयरपोर्ट के बन जाने से उत्तर प्रदेश के इन्फ्रा डवेलपमेंट में एक और बड़ा आयाम जुड़ जाएगा। चूंकि मुख्यमंत्री योगी अयोध्या को एक नयी पहचान दे रहे हैं। वह अयोध्या को देश की आध्यात्मिक धुरी के साथ-साथ आध्यात्मिक पर्यटन का केन्द्र भी बनाना चाहते हैं। 
गौरतलब है कि दीपोत्सव कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या की आध्यात्मिक सुगंध को दुनिया के छोरों तक पहुंचाने की कोशिश की है। इसके चलते दुनिया के तमाम देशों में बसे भारत वंशी और राम के प्रति आस्था रखने वाले लोग अब अयोध्या से सीधे जुड़ना चाहते हैं। उनका सीधे जुड़ाव आने वाले समय में न केवल पर्यटन बल्कि अन्य क्षेत्र में निवेशों को प्रोत्साहित करेगा जो प्रदेश के विकास और रोजगार में सहायक बनेंगे। दक्षिण कोरिया जैसे देश तो इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। इस दिशा में यह एयरपोर्ट आने वाले समय में कैटालिस्ट की भूमिका निभा सकता है।

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