अयोध्या: जन्मभूमि परिसर की डिजाइन के लिए 25 नवम्बर तक लोग दे सकते हैं सुझाव

-श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मास्टर प्लान के लिए विद्वानों, वास्तुविदों के सुझाव किए आमंत्रित

लखनऊ (हि.स.)। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान श्रीराम के भक्तों को एक अनोखा मौका देते हुए मास्टर प्लान को लेकर उनके सुझाव मांगे हैं।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बुधवार को कहा गया कि जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ क्षेत्र के मास्टर प्लान के लिए सभी विद्वतजनों, वास्तुविदों के सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। यह सुझाव परिसर के विभिन्न आयामों जैसे धार्मिक यात्रा, संस्कृति, विज्ञान आदि को समाहित करते हुए होने चाहिए। इस से सम्बंधित सभी जानकारी ट्रस्ट की वेबसाइट http://srjbtkshetra.org पर उपलब्ध है। 
इसके साथ ही कहा गया कि सुझावों को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने का ट्रस्ट के निर्णय अंतिम होगा। सभी बन्धुओं, वास्तुविदों, विषय के विद्वानों से 25 नवम्बर तक अपने सुझाव और विचार suggestions@srjbtkshetra.org, aida.rjbayayodhya@gmail.com, design@tce.co.in पर भेजने को कहा गया है।
इस बीच अयोध्या में तराशी गयीं शिलाएं कार्यशाला से रामजन्मभूमि परिसर तक ले जाने का काम जारी है। तराशे गये 106 स्तंभों का एक तिहाई हिस्सा कार्यशाला से रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचा भी दिया गया है। कार्यशाला में बाकी बचे दो तिहाई स्तंभों के साथ प्रस्तावित  मन्दिर के अग्रभाग, रंगमंडप तथा नृत्यमंडप के लिए भी शिलाओं को तराशने का काम हो चुका है।
ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के मुताबिक हमारा सबसे ज्यादा ध्यान राम मन्दिर की मजबूती पर है। मन्दिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलऐंडटी, टाटा कंसल्टेंट सर्विसेज, आईआईटी- रुड़की आदि प्रतिष्ठित संस्थाओं के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मन्दिर निर्माण को लेकर गहन मंथन किया गया है। मन्दिर की प्लानिंग पर विस्तार से चर्चा हुई है। चम्पत राय ने बताया कि मन्दिर की नींव, पत्थरों की आयु के हिसाब से होनी चाहिए। मजबूती व भूकंप के झटकों के झेलने की क्षमता के लिए लोड बियरिग कैपेसिटी होनी चाहिए। इस दिशा में विशेषज्ञों की सलाह से कोशिश की जा रही है। 
राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे भव्य राम मन्दिर निर्माण के कार्य को अब रामलला का दर्शन करने आने वाले भक्त भी देख पाएंगे। बताया जा रहा है कि मन्दिर निर्माण के लिए पाइलिंग के कार्य के बाद 1200 पिलर के निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा। पाइलिंग का काम होते ही एक बड़ा फाउंडेशन बनाया जाएगा, जिससे श्रद्धालु राम मन्दिर का निर्माण कार्य देख सकेंगे।

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