अपनी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए अभियान चलाएगा सिंधी समाज

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। सिंधी भाषा, साहित्य व संस्कृति को बचाने के लिए अयोध्या से उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने सिंधियत बचाओ ऑनलाइन जागरूकता अभियान के तहत गोण्डा के सिंधी परिवारों से बातचीत की और सिंधियत को जिंदा रखने के बारे में कई सवाल पूछे। प्रभु झूलेलाल धर्मार्थ समिति के अध्यक्ष व व्यापारी नेता जगदीश रायतानी, सिंधी समाज के मीडिया प्रभारी किशन राजपाल, युवा समाजसेवी दिनेश ठक्कुर, केशव ठक्कुर, मोहन कृपलानी आदि से सिंधी समाज को जागरूक करने के लिए विस्तार से चर्चा की। उन्होंने समाज में जागरूकता कैसे बढ़े, इसके लिए एक कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया। प्रदेश अध्यक्ष ओमी ने सिंधी परिवारों से कहा कि सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति व सिंधी तीज त्यौहार धीरे धीरे समाप्त होते जा रहे हैं, जो कि एक बहुत बड़े खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि भाषा, साहित्य, संस्कृति व तीज त्यौहार और सिंधी संतो, महापुरुषों, शहीदों का इतिहास जिंदा रखने के लिए पूरे प्रदेश के सिंधी परिवारों में “सिंधीयत बचाओ ऑनलाइन जागरूकता अभियान“ चलाया जा रहा है जिससे समाज के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा होगी, जो दस जुलाई से लेकर बीस अगस्त तक लगातार चालीस दिनों तक चलेगा। उन्होंने कहा कि यदि भाषा, संस्कृति ,साहित्य व सिंधी तीज त्यौहार और व्यंजन लुप्त हो गए तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सिंधी तीज त्यौहार जिसमें टीजड़ी, गोगो, थदड़ी ,सगडा आदि त्योहार सिंधी समाज पूरे उत्साह व उमंग के साथ परिवार के साथ मनाता है जिसमें तरह-तरह के सिंधी व्यंजन तैयार किए जाते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह परंपराएं समाप्त होती जा रही है। आज की युवा पीढ़ी घरों में सिंधी भाषा का प्रयोग नहीं कर रही हैं जो कि चिंता का विषय हो गया है। इस अभियान के लिए प्रदेश के सभी जनपदों कि सिंधी पंचायतों सामाजिक व धार्मिक संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है। सिंधी समाज के मीडिया प्रभारी किशन राजपाल ने कहा कि सिंधी समाज के घर-घर में सिंधीयत की अलख जगाने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

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