अपडेट : हाथरस कांड से आहत बाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के बौद्ध धर्म अपनाने की खबर से हड़कंप

जिलाधिकारी ने दिया समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन 
गाजियाबाद(हि. स. )। हाथरस कांड से आहत बाल्मीकि समाज के 50 से भी ज्यादा परिवारों के 236 सदस्यो द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने की खबर का बुधवार को वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ,जिला प्रशासन में खलबली मच गयी है। इन परिवारों ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के पड़पोते राजरत्न अंबेडकर की अगुवाई में विधिविधान के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। हांलाकि यह वीडियो 14 अक्टूबर का बताया गया है। यह धर्म परिवर्तन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये सभी परिवार हिन्डन ऐयरबेस से सटे राजपूत  बाहुल्य क्षेत्र करहेैड़ा गांव में रहते हैं। इन सभी लोगो का कहना है कि बिना किसी दबाव के उन्होने बोद्व धर्म की दीक्षा ग्रहण की है। इन परिवारों की अगुवाई करने वाले पवन कुमार का आरोप है कि हाथरस कांड से वे  लोग  काफी ज्यादा आहत हुए हैं। उन्होंने यह भी  आरोप लगाया कि लगातार आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद इनकी कही सुनवाई नहीं होती और हर जगह इनकी अनदेखी की जाती है। इसलिए बाल्मीकि समाज से जुडे यहां सभी पचास परिवारो के सदस्यो ने विरोध स्वरूप बाल्मीकि हिन्दू धर्म को त्याग कर बिना किसी दबाव के बौद्ध धर्म अपनाया है। जैसे ही धर्म परिवर्तन की खबर जिला प्रशासन को लगी तो जिलाधिकारी डा अजय शंकर पांडेय व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी गांव करहैडा स्थित बाल्मीकि समाज के मुहल्ले में पहुंच  गये और उनसे उनकी समस्यायों के बारे में बातचीत की। 
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने बाल्मीकि समाज के लोगो से इस बारे में बातचीत की तो उन्होने बताया कि उनकी समस्या प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा, बेरोजगारी की समस्या व हाथरस कांड में जल्द से जल्द सुनवाई को लेकर थी। इस संबंध में इन समस्याओ के निराकरण के लिए जिला प्रशासन ने उनसे लगभग दस दिन का समय मांगा है, जिसके बाद समाज के सभी लोग प्रशासन से सहमत हो गये है। करहैडा में पहुंचे साहिबाबाद से भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने भी बाल्मीकि समाज के लोगो को समझाया और उनकी समस्याओ के निराकरण का आश्वासन भी दिया।   

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