अनुसूचित जनजाति एवं परम्परागत वन निवासियों को मिलेंगे अधिकार
– 22897 वन निवासियों को मिले वन अधिकार
लखनऊ (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवम्बर 2022 को जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर परम्परागत वन निवासियों को भूमि अधिकार संबंधी प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही वन अधिकार के प्रस्तावों पर तेजी से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसकी निरंतर समीक्षा की जा रही है। अभी भी क्रियान्वयन के स्तर पर आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए समाज कल्याण विभाग व वन विभाग ने संयुक्त रूप से निदेशालय सभाकक्ष में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की।
इसमें प्रमुख रूप में वन एवं पर्यावरण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के अलावा सोनभद्र, चंदौली एवं मिर्जापुर के जिलाधिकारियों मौजूद रहे।
बैठक में वनाधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत वन अधिकार दिलाए जाने के संबध में निर्णय लिया गया कि वन निवासियों के प्रस्तावों पर जिलो द्वारा प्राप्त समस्त दावों का अवलोकन कर सम्यक निर्णय किए जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व तीन पीढ़ियों अथवा 75 वर्ष तक प्राथमिक रूप से वन, वनभूमि या वनोत्पादों पर निर्भर पात्र व्यक्तियों को उनके व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकार प्राप्त हो सकें एवं कोई भी पात्र व्यक्ति वन अधिकारों से वंचित न होने पाए।
असीम अरुण ने अपने बयान में कहा कि “वनाधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत निवास व आजीविका के लिए वनोत्पादों पर निर्भर प्रदेश के अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन निवासियों को उनके अधिकार दिलाए जायेंगे। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाकर विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।
दीपक