अनाज बैंक ने घुमन्तू जातियों के लिए अन्न योजना का किया शुभारम्भ
-डीआईजी अखिलेश चौरसिया ने किया उद्घाटन, मुसहर, नट एवं बांसफोर परिवार की महिलाओं को मिलेगा अनाज
वाराणसी(हि.स.)। सामाजिक संस्था विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित अनाज बैंक ने घुमन्तू जातियों नट, मुसहर, बांसफोर के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अन्न योजना की शुरुआत की है। रविवार को लमही स्थित सुभाष भवन में वाराणसी परिक्षेत्र के डीआईजी अखिलेश चौरसिया ने योजना का उद्घाटन किया। डीआईजी ने बांसफोर परिवार की महिलाओं को अनाज बैंक का पासबुक और अनाज देकर संस्था के पहल की सराहना की। समाज सेवा से आत्मसुख मिलता है जो अन्य किसी काम से नहीं मिलता है।
अनाज बैंक के संस्थापक डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि इस बैंक की विशेषता है कि अंतिम व्यक्ति को भूख की पीड़ा से मुक्ति दिलाता है और परिस्थिति जन्य भूख से पीड़ितों की सेवा के लिए 24 घण्टे तत्पर रहता है। भूख की पीड़ा से जूझ रहे देशों को अनाज बैंक जैसे मॉडल को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भूख एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या है। हर देश भूख पीड़ितों की तकलीफ से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि ये बैंक पूरी तरह सामाजिक सहभागिता पर चलता है, जिसमें जमा खाताधारक निकासी खाताधारकों की चिंता करते हैं।
इस अवसर पर आयोजित भूख अंतर्राष्ट्रीय समस्या और निवारण विषयक संगोष्ठी में आये अतिथियों ने सुभाष मन्दिर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपोज्वलन किया। वक्ताओं ने कहा कि बांसफोर परिवार अधिकांशतः सड़क पर ही झुग्गी लगाकर डेरा डालते हैं। बांस की डलिया और सूप बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं। बहुत मुश्किल से 15 दिनों के भोजन का इंतजाम कर पाते हैं और बाकी दिन मांगकर या फांके कर जीवन बिताते हैं। उनके बच्चे स्कूल नहीं जाते, गंदगी में रहते हैं। इन लोगों के लिए अनाज बैंक ने पासबुक उपलब्ध कराया। जिससे प्रत्येक 15 दिन पर इनको अनाज, नमक, तेल, सोयाबीन इत्यादि दिया जाएगा। बच्चों के लिए बिस्किट और चना की भी व्यवस्था है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एन.पी.सिंह, कुंवर नसीम रजा सिकरवार, डॉ. कवीन्द्र नारायण, प्रो. राघवेन्द्र दुबे ने भी बैंक के कार्यों की प्रशंसा की और सहयोग देने का भरोसा दिया। संचालन अनाज बैंक की प्रबन्ध निदेशक डॉ. अर्चना भारतवंशी ने किया। कार्यक्रम में नजमा परवीन, डॉ. मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश, डॉ. निरंजन श्रीवास्तव, मो. अजहरुद्दीन, ओ.पी. पाण्डेय आदि ने भागीदारी की।
श्रीधर