अनलॉक 5.0: उप्र में दुर्गा पूजा-रामलीला के आयोजन की मिली अनुमति
लखनऊ (हि.स.)। योगी सरकार ने अनलॉक 5.0 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने गुरुवार को बताया कि मुख्य सचिव आरके तिवारी ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक 15 अक्टूबर के बाद जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) के बाहर धार्मिक, सांस्कृतिक गतिविधियों को मंजूरी देने से दुर्गा पूजा, रामलीला सहित अन्य आयोजन किए जा सकेंगे।
इसके बाद 15 अक्तूबर के बाद प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से स्कूल-कॉलेज खोले जा सकेंगे। हालांकि ऑनलाइन शिक्षण कार्य को पहले की तरह अनुमति जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। स्कूल,कॉलेज अगर खुले हैं और कोई छात्र भौतिक रूप से उपस्थिति के बजाए ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई जारी रखना चाहता है, तो उसे इसकी छूट होगी। वहीं माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल,कॉलेज प्रबन्धन को सम्बन्धित छात्र को बुलाने की इजाजत होगी। उनकी अनुमति अनिवार्य है। इस दौरान स्वास्थ्य, सुरक्षा सम्बन्धी केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होगा। सार्वजनिक पुस्तकालय भी अब खोले जा सकेंगे।
महाविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग निर्धारण करेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में जहां पीएचडी के शोधकर्ता और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्र हैं, जिनको विज्ञान एवं तकनीकी विधाओं में प्रयोगशालाओं की आवश्यकता है, उनको भी 15 अक्टूबर के बाद खोलने की अनुमति होगी। केन्द्र सरकार से वित्त पोषित उच्च शिक्षण संस्थान भी इसी गाइडलाइन का पालन करके खुल सकेंगे। वहीं प्रदेश के शाासकीय, निजी चिकित्सा संस्थानों में भी ये नियम लागू होंगे।
इसके अलावा स्वीमिंग पूल यानि तरणताल केवल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए खोले जा सकेंगे। वहीं जोखिम क्षेत्र के बाहर सिनेमा, थियेयर और मल्टीप्लेक्स भी 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किये जा सकेंगे। इसी तरह मनोरंजक पार्क और इस तरह के स्थल भी स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप खोले जा सकेंगे।
खास बात है कि जोखिम क्षेत्र के बाहर 15 अक्तूबर के बाद धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और शैक्षिक गतिविधियों के लिए सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 200 लोगों की अनुमति दी गई है। इसके बाद दुर्गा पूजा, रामलीला सहित अन्य आयोजन किए जा सकेंगे। अगर आयोजन खुले मैदान में होगा तो उसके क्षेत्रफल के आधार पर कार्यक्रम किया जा सकेगा। जोखिम क्षेत्रों के अन्दर पहले की तरह प्रतिबंध जारी रहेगा।