अगले कुछ सप्ताह में फेलूदा जांच की शुरुआत की संभावना: डॉ. हर्ष वर्धन
विजयलक्ष्मी
नई दिल्ली (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने संडे संवाद के पांचवें एपिसोड में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किया और उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया।
डॉ. हर्ष वर्धन ने निकट भविष्य में फेलूदा जांच की शुरुआत किए जाने की अच्छी खबर साझा की। इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) में 2000 से अधिक मरीजों पर किए गए इस जांच के परीक्षण और निजी प्रयोगशालाओं में जांच से 96 प्रतिशत संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत विशिष्टता का पता चलता है। आईसीएमआर की वर्तमान की आरटी-पीसीआर किट की कम से कम 95 प्रतिशत संवेदनशीलता और कम से कम 99 प्रतिशत विशिष्टता के स्वीकृत मानदंड की तुलना में फेलूदा जांच सही प्रतीत होती है। उन्होंने कहा कि एसआरएस-सीओवी2 के फेलूदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट को सीएसआईआर-आईजीआईबी ने विकसित किया है और इसे व्यावसायिक शुरुआत के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अनुमति दी है।
कोरोना के बारे में अफवाहों तथा गलत-फहमियों को निराधार बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड के खिलाफ जंग में आयुर्वेद की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर की दोबारा संक्रमण के मामलों, वैक्सीन के चयन के लिए मानदंड और कोविड के वैक्सीन पर आईसीएमआर काम कर रहा है। चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के निवासियों के समक्ष आई कठिनाइयों के बारे में जानकर उन्होंने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर अपने संपर्क का विवरण दिया और भरोसा दिलाया कि क्षेत्र के निवासियों के समक्ष आने वाले सभी मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन वर्तमान में परीक्षण के दौर में हैं और यह वैक्सीन दो खुराक और तीन खुराक के हैं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन के लिए दो खुराक जरूरी होंगी, जबकि केडिला हेल्थ केयर वैक्सीन के लिए तीन खुराक जरूरी होंगी। प्री-नैदानिक विभिन्न चरणों के वैक्सीन में अभी खुराक के बारे में परीक्षण किया जा रहा है। कोविड वैक्सीन के रूप में अन्य नये कैंडिडेट शामिल किए जाने की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि भारत की विशाल जनसंख्या को देखते हुए कोई भी एक वैक्सीन या वैक्सीन विनिर्माता पूरे देश में वैक्सीन की आवश्यकता पूरी नहीं कर पाएगा। इसलिए हम भारत की जनसंख्या की उपलब्धता के अनुरूप देश में कोविड-19 के कई वैक्सीन का प्रयोग करने की व्यावहार्यता पर विचार करने के लिए तैयार हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ई-संजीवनी के विभिन्न राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभागों में 12,000 से अधिक प्रैक्टिशनर हैं और उनकी सेवाएं देश के 26 राज्यों के 510 जिलों के लोग प्राप्त कर रहे हैं। इस प्लेटफॉर्म पर एक लाख परामर्श लेने के लिए तीन महीने का समय लगा, जबकि अगले एक लाख परामर्श पर केवल तीन सप्ताह में लिए गए। यह एक बड़ी सफलता है। संडे संवाद के दौरान डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि पहले चरण में कोरोना पर काबू पाने के लिए भारत सरकार ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 3,000 करोड़ रुपये जारी किए थे।
उन्होंने कहा कि गुडुची, अश्वगंधा, गुडुची और पिपली के मिश्रण और आयुष-64 से संबंधित काफी अध्ययन हैं, जो यह साबित करते हैं कि इनमें प्रतिरोधक क्षमता, एंटी-वायरल, एंटीपायरेटिक और एंटीइन्फ्लेमेट्री गुण हैं। सिलिको अध्ययन में इन दवाओं के कोविड-19 के वायरस के साथ अच्छी निकटता दिखाई दी है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रोफिलेक्सीस, कोविड-19 के सेकेंडरी रोकथाम और प्रबंधन के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए सरकार द्वारा गठित बहु-विषयी कार्यबल की सिफारिश पर वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किए गए हैं।
च्यवनप्राश के फायदों के बारे में डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि नैदानिक अध्ययन से उपलब्ध सूचना से पता चलता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से एक निश्चित समयावधि में च्यवनप्राश लेते हैं, उनके समग्र स्वास्थ्य स्तर और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। हालांकि चीनी एक आवश्यक तत्व है, लोग चाहें तो बाजार में उपलब्ध शुगर-फ्री च्यवनप्राश ले सकते हैं।