सीआरपीएफ की कोबरा टीम का जल्द हिस्सा होंगी महिलाएं

– महिला योद्धाओं के अनुरोध पर किया जा रहा है विचारः महानिदेशक

अश्वनी शर्मा
नई दिल्ली (हि.स.)। सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ. एपी माहेश्वरी ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कोबरा यूनिट में में अब महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। महिला योद्धाओं ने बड़े उत्साह के साथ कोबरा में सेवा करने का अवसर दिये जाने का अनुरोध किया है जिस पर सकारात्मक रूप से निर्णय करने का विचार किया जा रहा है। 
डॉ. माहेश्वरी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारी महिला योद्धा अपने पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा में तैनात हैं। वह हर रैंक पर मुश्किल से मुश्किल क्षेत्र जम्मू कश्मीर व नक्सल प्रभावित इलाकों में मुस्तैदी से कर्तव्य पथ पर डटी हैं। उन्होंने कहा कि महिला योद्धाओं ने बड़े उत्साह के साथ कोबरा में सेवा करने का अवसर दिये जाने का अनुरोध किया है जिस पर बल सकारात्मक रूप से निर्णय करने का विचार कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बस्तरिया बटालियन में सुदूर क्षेत्रों में तैनात कोबरा टीम उत्कृष्ट कार्य कर रही है। सीआरपीएफ के महानिदेशक ने कोबरा टीमों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि गत वर्ष  7 माओवादियों को मार गिराया तथा 139 माओवादियों को धर दबोचा। साथ ही 321आईईडी व ग्रेनेड भी बरामद किये। उन्होंने रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) का जिक्र करते हुए कहा कि दंगों और कानून व्यवस्था की परिस्थितियों से निपटने के लिए हमारा एक विशिष्ट बल है। अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा तथा व्यवसायिक दक्षता से आरएएफ ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। नीली वर्दी में तैनात आरएएफ कर्मी प्रभावी संवेदनशील पुलिसिंग के पर्याय बन गये है। इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2018 में पांच नई बटालियनों के गठन को स्वीकृति दी थी जिससे इनकी संख्या 15 तक पहुंच गई है।
इन राज्यों में होगी आरएएफ की तैतानी महानिदेशक डॉ. एपी महेश्वरी ने बताया कि आरएएफ को रणनीतिक दृष्टि से शिमोगा में स्थापित किया गया है। यह मुख्य रूप से कर्नाटक, केरल, गोवा, पांडुचेरी तथा लक्ष्यद्वीप की आवश्यकतओं को पूरा करेगी तथा आवश्यकता होने पर तमिलनाडु, तेलंगाना व आन्ध प्रदेश में भी तैनात की जायेगी। 16 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह ने उक्त बटालियन के कैम्पस की आधारशिला रखी थी। गत वर्ष दिल्ली में दंगों के समय स्थिति भयावह होने पर आरएएफ को ही तैनात किया गया और अपनी व्यवसायिक क्षमता से बल ने जल्द ही दंगों को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका निभाई। इसके साथ ही बेंगलुरु में साम्प्रदायिक हिंसा नियंत्रित करने में आरएएफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कोरोना महामारी में भी आरएएफ का बड़ा योगदान देश भर में कोराना की महामारी की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुम्बई में लॉकडाउन का पालन कराने के लिये आरएएफ की तैनाती की गई। धरावी जैसी घनी बस्ती में भी आरएएफ ने पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कोविड नियमों का पालन कराया।
 Submitted By: Virendra Singh Edited By: Virendra Singh

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