राज्यपाल आनन्दीबेन ने किया बीमा योद्धाओं का सम्मान, कार्यों को लेकर की सराहना

-कहा, बीमा योद्धा महिलाओं-बच्चों को स्वास्थ्य-स्वच्छता के प्रति करें जागरूक 

लखनऊ (हि.स.)। देश को जब भी किसी आपदा या महामारी का सामना करना पड़ा है, उस कठिन समय में एलआईसी ने सदैव आगे आकर देश और समाज को सहयोग देने के अपने दायित्व का पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया है। एलआईसी ने कोरोना महामारी के कारण काल-कालवित हुए अपने पाॅलिसीधारकों के परिजनों को त्वरित मृत्यु दावा का भुगतान सुनिश्चित कर पीड़ित परिवारों को सहारा देने का सराहनीय कार्य किया है। 
ये बात प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने रविवार को राजभवन में एलआईसी द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘बीमा योद्धा सम्मान समारोह’ को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में जहां लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गये थे, वहीं एलआईसी के अभिकर्ताओं ने लोगों को न केवल बीमा सुरक्षा के विषय में जागरूक किया बल्कि उन्हें अपनी जरूरत के अनुसार बीमा सुरक्षा लेने में सहायता भी की। इनके संयुक्त प्रयासों से ही आज आम जन-मानस भी जीवन बीमा के महत्व को समझ सका है। 
राज्यपाल ने कहा कि एलआईसी के नव व्यवसाय मे वृद्धि भी इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि इन कर्मवीर बीमा योद्धाओं ने बीमा जागरूकता बढ़ाने में कितना महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने ग्राहक सेवा के लिए उठाये जा रहे कदमों के लिए एलआईसी के प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि प्रीमियम भुगतान एवं पाॅलिसी दावा भुगतान जैसे तमाम लेन-देन डिजिटल ऑनलाइन माध्यमों से ग्राहकों को सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
राज्यपाल ने बीमा योद्धा सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड से आये बीमा योद्धाओं को बधाई देते हुए कहा कि आप बीमा करने का जो कार्य कर रहे हैं, वह समाज के लिये आवश्यक तो है ही। इसके साथ कुछ और ऐसे सामाजिक कार्य हैं, जिन्हें आपको करने से खुशी मिलेगी। उन्होंने कहा कि आप सभी 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के सरकार के प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। टीबी से ग्रस्त 18 वर्ष से कम के एक-एक बच्चे को गोद लें और उसे नियमित दवाई और पोषक आहार दें। इससे बच्चा बहुत शीघ्र ही ठीक हो जायेगा। उसका पूरा परिवार आपको आशीर्वाद ही देगा।
राज्यपाल ने बीमा योद्धाओं को बताया कि कुपोषण जैसी समस्या के समाधान के लिए देश में बड़े स्तर पर आंगनवाड़ी केन्द्र और मिड-डे-मील कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारत को कुपोषण से मुक्त बनाने के उद्देश्य से महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। कुपोषण को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि हमें गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा। 
राज्यपाल ने कहा कि आप सभी गांव-गांव जाते होंगे। आपको अगर वहां कोई कुपोषत बच्चा दिखे तो कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पोषण और ऊर्जा से भरपूर भोजन तथा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों को पोषक उपलब्ध कराने की दिशा में योगदान कर सकते हैं।  
 Submitted By: Sanjay Singh Fartyal Edited By: Sanjay Singh Fartyal

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