बस्ती : युवती ने ब्लॉक किया नंबर तो आशिक दरोगा ने परिजनों पर कर दिया मुकदमा

बस्ती (हि.स.) जिले में तैनात एसआई दीपक सिंह ने खाकी को दागदार किया है। पहले जबरन लड़की से फोन पर बात की, फिर चैटिंग भी शुरू कर दी। नंबर ब्लॉक कर शिकायत करने के बाद लड़की के परिजन पर एक नहीं 8 मुकदमे दर्ज कर दिए। परिवार ने एसआई पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़ित की शिकायत के बाद राज्य महिला आयोग ने कार्रवाई शुरू की है और जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। 

 सदर कोतवाली के पोखरभिटवा गांव की रहने वाली युवती ने एसआई दीपक सिंह पर जबरन फोन करने और वॉट्सऐप पर चैट करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। इस पर एसआई को एसपी ने लाइन हाजिर किया था। इसके बाद पीड़िता का आरोप है कि उनके और परिवार के खिलाफ एसआई दीपक सिंह ने एक साल के भीतर 8 मुकदमे दर्ज करा दिए हैं। यह मामला राज्य महिला आयोग में पहुंचने के बाद फिर सुर्खियों में है।
लॉकडाउन में युवती पर आया दारोगा का दिल  
 मामला लॉकडाउन के समय का है। पीड़ित का आरोप है कि 31 मार्च 2020 को वह घर से अपनी दादी की दवा लेने के लिए निकली थी। सानूपार चौकी पर तैनात एसआई दीपक सिंह ने उसे रोक लिया और गाड़ी का कागज चेक करने लगे। घंटों तक चेक में बैठाने के बाद उन्होंने युवती का मोबाइल नंबर लेकर छोड़ दिया। उस दिन के बाद से वह लगातार उनके मोबाइल पर कॉल करने लगे और वॉट्सऐप पर मैसेज भेजने लगे।  युवती का आरोप है कि एसआई उनसे अश्लील बातें करते थे। इस वजह से उन्होंने दीपक सिंह का नम्बर ब्लॉक कर दिया। 
नंबर ब्लॉक किया तो परिवार पर दर्ज हुए 8 गंभीर मुकदमे 
युवती ने बताया कि इसके बाद 2 अप्रैल 2020 को वह दवा लेने के लिए दोबारा निकली। एसआई दीपक सिंह ने उसे फिर रोक लिया और धमकी देने लगा। पीड़िता ने जब नंबर ब्लॉक कर दिया तो एसआई दूसरे नंबर से कॉल करने लगा था। बाद में एसआई ने पीड़िता के भाई के खिलाफ जानलेवा हमला, बंधक बनाने और पिस्टल छीनने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मुकदमे में पीड़ित लड़की के भाईयों, बहन और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। एक साल के अंदर लड़की और उसके परिजन पर 8 मुकदमे दर्ज हो गए।
मुकदमों की वजह से नहीं हो पा रही युवती की शादी 
 युवती का कहना है कि मुकदमों की वजह से उसकी शादी नहीं हो पा रही है। नामजद मुकदमा होने की वजह से उस की फुफेरी बहन की भी शादी टूट गई। जिले के सभी अधिकारियों से इंसाफ की मांग की गई लेकिन एसआई को लाइन हाजिर कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। 
 वहीं पुलिस कप्तान हेमराज मीणा ने कहा कि एएसपी द्वारा जब सभी पहलुओं की जांच की गई तो ऐसा कोई मामला नहीं था। मुकदमे की विवेचना के दौरान लड़की के भाई अखिलेश सिंह के द्वारा एसआई दीपक सिंह से बात की गई थी। एसआई दीपक सिंह ने नंबर लिया था। युवती के परिवार ने वॉट्सऐप चैटिंग का कुछ पेपर दिया था, लेकिन जब उस नंबर की जांच कराई गई तो वह एसआई दीपक सिंह का नहीं पाया गया। हालांकि, अनुशासनहीनता में एसआई दीपक सिंह को लाइनहाजिर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि एसआई दीपक सिंह पर 8 मुकदमे दर्ज करने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत है।

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