थानेदार की हत्या मामले में सात पुलिस कर्मी सस्पेंड

अफसर को छोड़कर मौके से भाग निकले थे सहयोगी

राज्य डेस्क

पटना। बिहार में किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की बंगाल में छापेमारी के दौरान भीड़ द्वारा की गई हत्या मामले में बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित सात पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आईजी के निर्देश पर एसपी ने यह बड़ी कार्रवाई की। बता दें कि किशनगंज थाने में पार्थिव शरीर आने और गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद परिजनों में पुलिस के प्रति नाराजगी देखी गई। किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या के बाद गुस्साए परिजनों ने साजिश के तहत थानाध्यक्ष की हत्या का आरोप लगाया था। परिजनों का कहना था कि थानाध्यक्ष के साथ गए पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल अगर वहां मौजूद रहकर एक भी गोली चला देते तो शायद भीड़ के चंगुल से उनके भाई की जान बच जाती। थानाध्यक्ष के भाई प्रवीण कुमार उर्फ गुड्ड़ ने कहा कि रात में जिस जगह बंगाल में उनके भाई छापेमारी में गये थे। उनके साथ किशनगंज अंचल निरीक्षक मनीष कुमार और पुलिस बल भी साथ गए थे। आखिर क्या वजह रही कि अंचल निरीक्षक व पुलिस बल सही सलामत बच गए और थानाध्यक्ष मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।
परिजनों ने कहा कि बंगाल में हत्या का मामला दर्ज हुआ है। लेकिन बंगाल पुलिस से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही है। केस को वहां से किशनगंज थाना ट्रांसफर किया जाए व हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाए। कहा कि साथ गए पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल अगर वहां मौजूद रहकर एक भी गोली चला देते तो शायद उनके भाई की जान बच जाती। लेकिन पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल उनके भाई की जान बचाने की बजाय खुद ही वहां से जान बचाकर भाग निकले। किशनगंज थाने में पार्थिव शरीर आने के बाद परिजन शव को ले जाने से इंकार करने लगे। गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान मौजूद पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी सुरेश चौधरी, एसपी कुमार आशीष से परिजन इस हत्याकांड को साजिश करार देते उनके साथ गए पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल पर कार्रवाई की मांग करने लगे। परिजनों की नाराजगी को देखते हुए आईजी व एसपी ने उनसे परिचारी प्रवर के कार्यालय में सम्मानजनक वार्ता की। काफी देर तक परिजन कई बिंदुओं पर चर्चा करते रहे। आईजी ने आश्वस्त किया कि इस कांड में जो भी शामिल हैं सभी को एक-एक कर गिरफ्तार किया जाएगा एवं सजा दिलाई जाएगी। आईजी व एसपी से दिवंगत थानाध्यक्ष के भाई प्रवीण कुमार सहित परिजनों की काफी देर बातचीत के बाद सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने पर परिजनों की नाराजगी दूर हुई और शव को पैतृक गांव की ओर ले गए।
बता दें कि बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। मॉब लिंचिंग में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना शनिवार की अहले सुबह 3 बजे की है। वे पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना अंतर्गत पांचू मंडल टोला के रहने वाले थे। अश्विनी कुमार 94 बैच के दारोगा थे। बाद में उनकी इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति हुई थी। इधर घटना के बाद पुलिस ने पुलिस इंस्पेक्टर पर हमला करने के आरोप में पांतापाड़ा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें मुख्य आरोपी फिरोज आलम, भाई अबुजर आलम व फिरोज आलम की मां शाहीनूर खातून शामिल है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस मामले में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। इसमें संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूर्णिया के आईजी और किशनगंज के एसपी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से इस मामले में बात की।

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