असमः ओएनजीसी जीजीएस से तीन कर्मचारियों का अपहरण

अरविंद

चराईदेव (असम) (हि.स.)। ऑयल एंड नेचुरल गैंस कंपनी (ओएनजीसी) के लकुआ स्थित 08 नंबर ग्रुप गैदरिंग सेंटर (जीजीएस) से बुधवार की तड़के लगभग 03 बजे के आसपास तीन कर्मचारियों के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहृत ओएनजीसी कर्मचारियों में मुहिनी मोहन गोगोई, रितुल सैकिया और अलकेश सैइकिया शामिल हैं।

चराईदेव जिला के पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा ने अपहरण की पुष्टि करते हुए कहा है कि अभीतक किसी भी तरह की कोई डिमांड सामने नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। उन्होंने बताया है कि घटना लकुआ में हुई है। लकुआ राजस्व चक्र चराईदेव जिला में आता है, जबकि थाना क्षेत्र शिवसागर जिला के अंतर्गत आता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अरुणाचल प्रदेश में भी निजी ऑयल कंपनी के दो कर्मचारियों का अपहरण हुआ था। जिनकी रिहाई लंबे समय के बाद हुई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लकुआ स्थित ओएनजीसी के 8वें जीएसएस के वॉक ओवर रिंग से तड़के 03 बजे ओएनजीसी के तीन कर्मचारियों के अपहरण होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि अपहरण में किस संगठन का हाथ है, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। माना जा रहा है कि अपहरण के पीछे प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) का स्वाधीन (स्व) परेश गुट का हाथ हो सकता है। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभीतक कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।

राज्य में लंबे समय के बाद फिर से उल्फा (स्व) ने अपने अपहरण व्यवसाय को आरंभ किया है। ज्ञात हो कि 80, 90 के दशक में उग्रवाद चरम पर था, उस समय अपहरण राज्य में व्यवसाय का रूप ले लिया था। हालांकि राज्य में 2010 के बाद से इस मामले में रोक लगनी आरंभ हुई। वर्तमान में उग्रवादियों के अपहरण व्यवसाय की कमर सुरक्षा बलों ने तोड़ दी है। बावजूद एकबार फिर से इस तरह की घटनाएं सामने आई रही हैं। 

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