अयोध्या के संत बोले-जिंदगी रही तो बार-बार मिलेगा मौका, इस बार घर पर ही मनाएं रामनवमी
धर्मनगरी अयोध्या में रामनवमी हर साल धूमधाम से मनाई जाती है। इस मौके पर देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं लेकिन इस बार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अयोध्या के संतों ने लोगों से घर पर ही रहकर त्योहार मनाने की अपील की है। संतों का कहना है कि जिंदगी सुरक्षित रहेगी तो बार-बार अयोध्या आने का लाभ मिलेगा इसलिए इस बार कोई न खुद के लिए समस्या पैदा करे न दूसरों के लिए समस्या बने। अयोध्या आने की बजाए घरों पर रहकर ही भगवान की पूजा करें।
भीड़ भाड़ से बचते हुए राम जन्मोत्सव मनाएं। प्रसिद्द हनुमानगढ़ी के महंत प्रेम दास ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि वैसे तो सब कर्ता-धर्ता भगवान हैं लेकिन अपने बल, बुद्धि और अपने विवेक से अपनी रक्षा के साथ साथ अपने परिवार और देश की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि हमारा सबसे अनुरोध है कि जो जहां पर है वहीं अपने घरों पर, अपने स्थानों पर, भगवान की आराधना करें।
प्रसिद्ध लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण ने कहा कि अयोध्या में रामनवमी मेला 21 तारीख को है। इस मौके पर यहां भक्तों की भीड़ हुआ करती थी लेकिन इस बार कोरोना महामारी को लेकर के सभी भक्तों से निवेदन है कि अयोध्या ना आए और अपने ही घरों पर उत्सव मनाएं। इससे सभी लोग कोरोना वायरस की महामारी से बचे रहेंगे। संतों का कहना है कि यदि बाहर के लोग अयोध्या आएंगे तो कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता है इसलिए अयोध्या आने की बजाए लोग अपने घरों में ही रहकर अपने इष्ट की पूजा करें।
दशरथ महल के महंत देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने लोगों से अपील की कि वे कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार अयोध्या आने का कार्यक्रम स्थगित कर दें। यहां आने की बजाए लोग अपने घरों पर ही रहकर पूजा करें। उन्होंने कहा कि भीड़ में इस बीमारी के फैलने की आशंका अधिक होती है। एक दूसरे से स्पर्श से प्रकोप तेजी से बढ़ता है इसलिए अच्छा यह है कोई कोई किसी के लिए समस्या न बने। सब अपने-अपने घर पर रहकर पूजा-पाठ करें। जिंदगी रही तो अयोध्या आने का लाभ बारंबार मिलेगा।
अधिकारियों ने की थी संतों से मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अयोध्या में संतों से मुलाकात की थी। उन्होंने उनसे इस सम्बन्ध में सहयोग मांगा था। इसके बाद संतों की ये अपील सामने आई है।