अब वित्त पोषित कालेज के प्रधानाचार्यों के अभिलेखों की भी होगी जांच

संवाददाता

बहराइच। बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग के बाद अब जिले के मान्यता प्राप्त इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के शैक्षिक व बीएड डिग्री की जांच होगी। एसआइटी एनसीटी (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचिग) के प्रावधानों के तहत सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों की तर्ज पर मान्यता प्राप्त कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के अभिलेख जांचने का फैसला किया है। एसआइटी के कदम से निजी कॉलेजों में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से फर्जी डिग्री हासिल कर बने प्रधानाचार्यों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जिले में 222 मान्यता प्राप्त इंटर कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन कॉलेजों में आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्री से शिक्षक प्रधानाचार्य बने बैठे हैं। अनामिका प्रकरण में फर्जी डिग्रियों के आधार पर शिक्षक पद हथियानें के खुलासे के बाद एसआइटी ने मान्यता प्राप्त निजी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को भी रडार पर लिया है। इसके लिए एसआइटी ने वर्ष 2001 से 2016 तक के बीएड डिग्रीधारकों की रिपोर्ट आंबेडकर विश्वविद्यालय से लिया है। इसके आधार पर बहराइच में निजी कॉलेजों के लगभग 20 प्रधानाचार्यों की फर्जी डिग्री आगरा से होने के सबूत एसआइटी के हाथ लगे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही एसआइटी निजी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के शैक्षिक व तकनीकी डिग्रियों की जांच शुरू कर सकती है। उनका कहना है कि जांच अंजाम तक पहुंची तो कई प्रधानाचार्यों की कुर्सी छिन सकती है। टीइटी की तर्ज पर एनसीटी हुआ था अनिवार्य बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक पात्रता प्रशिक्षण की तरह ही इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पद के लिए एनसीटी का प्रावधान किया गया था। बावजूद इसका पालन कराने के लिए न तो जिम्मेदार अधिकारियों ने कदम उठाया न हीं प्रबंध तंत्र ही इस ओर ध्यान दे रहा है, बल्कि प्रबंध तंत्र अपने चहेतों को ही महत्वपूर्ण कुर्सी पर बैठाता है।

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